स्वयं सहायता समूह : (SHG) : उत्तर प्रदेश स्वयं समूह सहायता योजना आपस में अपनापन रखने वाले एक जैसे उद्यमियों का एक ऐसा समूह है, जो अपनी ऐसे सुविधाजनक तरीके से बचत करने और उसको समूह के सम्मिलित फंड में शामिल करने और उस समूह के सदस्यों को उनकी उत्पादक और उपभोक्ता द्वारा तय ब्याज, आवश्यकतानुसार राशि अवध और अन्य शर्तों पर दिए जाने के लिए आपस में सहमत होते हैं, Uttar Pradesh Self Help Group Yojana की साधारण भाषा में बात करें तो सहायता समूह निर्धन और असहाय लोगों का एक समूह होता है इस प्रकार के सदस्यों को सामान्य समस्याओं वाले लोग शामिल होते हैं, जो एक दूसरे करते हैं अर्थात समस्याओं का समाधान करते हैं ? SHG अपने सदस्यों के बीच छोटी बचत को बढ़ावा देते हैं और यह बचत बैंक में SHG के नाम के एक काम फंड में जमा की जाती है.
तो यह समूह सदस्यों को अपने सामान्य कोष से छोटे ऋण के रूप में धनराज प्रदान करते हैं आमतौर पर इन समूहों में सदस्यों की संख्या 10 से 20 तक होती है | लेकिन स्वयं सहायता समूह योजना में अलग नियम होने के कारण हर राज्य के अलग-अलग ग्राम पंचायतों में इसका अलग-अलग नियम होता है जैसे कि उत्तर प्रदेश के स्वयं सहायता समूह योजना के एक समूह में केवल 12 महिलाएं होती हैं.
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा चलाई गई जीवन शक्ति योजना के अंतर्गत प्रदेश की शहरी क्षेत्र की महिलाएं को रोजगार प्राप्त हुआ है और उन्होंने घर बैठे लगभग 11,00,000 माह का निर्माण किया उक्त योजना में प्राप्त हुई सफलता के परिणाम स्वरूप माननीय मुख्यमंत्री जी के अनुसार महिला स्वयं सहायता समूह की भागीदारी तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि करने के उद्देश्य से समूह के माध्यम से शासकीय शालाओं में अध्ययनरत कक्षा एक से आठवीं के लगभग 64,00,000 छात्र छात्राओं के गणवेश निर्माण का कार्य कराया जा रहा है, इस योजना के अंतर्गत राज्य ग्रामीण ,आजीविका मिशन, विकास विभाग, में पंजीकृत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घर बैठे गणवेश तैयार करेगी.जिसे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण उपलब्ध हो सके महिलाओं को छात्र छात्रा के हिसाब से इस योजना से प्रदेश की महिलाओं को प्रदान करने के लगभग ₹400 प्राप्त होंगे.
इसमें चयनित सभी सदस्य एक समान आय वर्ग के होते हैं, महिला स्वयं सहायता समूह में महिलाओं को शामिल किया जाता है इसमें सभी सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर एक बराबर रास्ते की जाती है जिसे पदाधिकारियों के पास जमा को अपने रजिस्टर में दर्ज करते हैं ,उसके बाद उस बचत को अपने नजदीकी बैंक में जमा करते हैं जहां उन्होंने समूह के नाम से बचत खाता खुलवाया है, बचत खाते का संचालन समूह के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है, समूह के किसी भी तीन सदस्यों को पदाधिकारी नियुक्त किया जाता है जो समूह का संचालन करते हैं किसी भी लेनदेन का व्यवहार रखते हैं बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण भी लिया जाता है.
Important Role of SHGs During the Coronavirus Pandemic
Need of Self Help Group Scheme
मध्य मार्ग और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनको खुद का आय बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह का योगदान करना पड़ा योगदान किया है.एस एच जी [Self Help Group] उनको अपनी आय बढ़ाने, तथा उनके जीवन स्तर और समाज में स्थिति को सुधार करने में सक्षम बनाते हैं, यह समाज के इस वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए उत्प्रेरक का कार्य करते हैं. भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकार के ग्रामीण उत्थान के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, इसके बावजूद गरीबी और बेरोजगारी अभी विदेश में पहले की बात बनी हुई है, और यह समस्या विकराल और विकट होती जा रही है ! भारत की जनता के साथ से बेरोजगारी काफी अधिक मात्रा में बढ़ती जा रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि देवकी कुल आबादी का लगभग 26 परसेंट जनसंख्या गरीबी से संबंधित है.
What are the schemes in Self Help Group Scheme ?
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सदस्यों को जमा हेतु साप्ताहिक बचत राशि निर्धारित करना.
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साप्ताहिक बैठक के लिए समय तय करना एवं बैठक कहां आयोजित होगी, उसके लिए साफ एवं स्वच्छ स्थान का चुनाव भी करना.
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संगठन व सामूहिक कार्य करने के लिए पहल करना.
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समूह द्वारा सामूहिक निर्णय लेना उसके बाद उस पर अमल भी लाना
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पंच सूत्र के बारे में समूह सदस्यों को बताना.
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एवं बैठक के उपरांत सदस्यों को लगने वाली भूख को समय पर नाश्ता और जलपान कराना .
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बैठक के दौरान पूछे गए सदस्यों के सभी प्रश्न का उत्तर सही रूप में देना और उन्हें ठीक प्रकार से समझाना.
समूह सहायता योजना का उद्देश्य क्या है ?
- Uttar Pradesh Self Help Group Yojana का लक्ष्य यह है, कि गरीब लोगों के बीच नेतृत्व क्षमता का विकास करना स्कूली शिक्षा में योगदान करना | उनके भरण-पोषण में सुधार करना जन्म दर में नियंत्रण करना |
- औपचारिक प्रणाली के तकनीक और प्रशासनिक क्षमता और वित्तीय संसाधनों के साथ अनौपचारिक हिरण प्रणाली के अनुरूप लचीली संवेदी और समय अनुकूल निर्धनों की क्रेडिट आवश्यकता को पूरा करना |
- बैंकरों और ग्रामीण जनता के बीच अपनी आपसी विश्वास का वातावरण बनाए रखना | वित्तीय संस्थाएं समाज के जीन वर्गों तक नहीं पहुंच पाते हैं समाज के उन वर्गों में बचत की आदत और विवरण की सुविधा के प्रयोग को प्रोत्साहित करना |
स्वयं समूह सहायता योजना में कौन कौन से पद होते हैं ?
स्वयं समूह सहायता योजना समूह सखी की नौकरी
- स्वयं समूह सहायता योजना में पशु सखी की नौकरी तथा स्वयं सहायता समूह में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत पशु सखी की नौकरी दी जाती है |
- समूह सहायता योजना में जो भी महिलाएं कंप्यूटर में अधिक रूचि रखती हैं या उन्हें कंप्यूटर से संबंधित किसी प्रकार की सहायता का लाभ उठाना है, तो वह इस योजना में स्वयं सहायता समूह बैंक सखी की नौकरी | स्वयं समूह सहायता की महिला बैंक की नौकरी के पदों पर आवेदन कर सकती है |
- और अन्य जैसे किसी महिला ने किसी भी डिप्लोमा से इंजीनियरिंग की है तो वह स्वयं समूह सहायता योजना के अंतर्गत सहायता समूह में बिजली की नौकरी का कार्य कर सकती है |
- स्वयं समूह सहायता योजना का वेतन कितना है, What is the salary of self help group.?
- स्वयं सहायता समूह में निर्माण कौन करता है ?
स्वयं समूह सहायता योजना में नाबार्ड के प्रतिनिधि के रूप में जिला स्तर पर जिला विकास प्रबंधक है, वह अपने-अपने जिलों में गैर सरकारी संस्था एवं बैंक कोल लिंकेज कार्यक्रम में सहयोग देते हैं, वह जिला में सक्रिय स्वयं सहायता समूह एवं बैंकों की पहचान कर पथ निर्देशन एवं सहयोग का कार्य करते हैं |
समूह में कितने पैसे मिलते हैं ?
Uttar Pradesh Self Help Group Yojana के रोजगार प्रदान करने हेतु न्यूनतम 50,000 और अधिकतम ₹1,10,000 सीआईएफ CIF धनराशि के रूप में दिए जाते हैं इस धनराशि को समूह किसी छोटे गृह उद्योग को खोलने हेतु बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त करता है, जैसे कोई छोटी मोटी कंपनी को खोलना हुआ, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को लेकर अनेक प्रकार के रोजगार अपने क्षेत्र में कर सकते हैं.
CIF धन राशि क्या है, स्वयं सहायता समूह योजना में सीआईएफ CIF क्या है ?
राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत चल रहे हैं सहायता समूह में सरकार की तरफ से महिलाओं को छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करने के लिए सीआईएफ की धनराशि बैंक द्वारा प्रदान की जाती है, बीएफ को सामुदायिक निवेश ठंड भी कहा जाता है,स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को 110000 की धनराशि व्यवसाय शुरू करने हेतु बैंक द्वारा प्रदान की जाती हैं, और समूह में उपस्थित महिलाओं के द्वारा हफ्ते में ₹10 की धनराशि जमा करने हेतु 1 वर्ष में जितना भी धनराशि इकट्ठा होता है | समूह की महिलाएं वर्ष में एक बार सीआईएफ को निकालकर आपस में बराबर बराबर वितरण करती हैं और उसे एक-एक किस्त करके बैंक में जमा करना होता है |
- स्वयं सहायता समूह में CIF क्या है ?
स्वयं सहायता समूह योजना में सीआईएफ CIF कैसे मिलता है ?
समूह सहायता योजना में सीआईएफ CIF के रूप में 1,10,000 की धनराशि प्रदान की जाती है | इस धनराशि को प्राप्त करने के लिए आपको स्वयं समूह सहायता योजना को लिखित रूप से परिपूर्ण होना चाहिए जो निम्नलिखित प्रकार के हैं !
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स्वयं सहायता समूह 1 से 3 वर्ष पुराना होती होना चाहिए |
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स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष कोषाध्यक्ष और सचिव स्वयं सहायता समूह के रजिस्टर पूरी तरह लेखा-जोखा से पूर्ण होना चाहिए ! उसने किसी भी प्रकार की त्रुटि पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जा सकती है |
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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रत्येक बैठक में सम्मिलित होकर बैठक कर नहीं होनी चाहिए |
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सहायता समूह के द्वारा विकसित किए गए झंडा स्वयं सहायता समूह के नाम पर खोले गए खाते में जमा होना चाहिए | इसमें किसी प्रकार की किसी अध्यक्ष की कोई तानाशाही नहीं चलेगी |
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स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जागरूक होनी चाहिए !
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स्वयं सहायता समूह के द्वारा सभी बैठकों में उस समूह की सभी महिलाओं को सम्मिलित होकर बैठक कर रही होनी चाहिए.
स्वयं सहायता योजना रजिस्ट्रेशन हेतु आवश्यक दस्तावेज.?
अगर आप भी स्वयं सहायता योजना समूह के एक सदस्य बनना चाहते हैं तो आपको नीचे दिए गए दस्तावेजों में से आपके पास होना अनिवार्य है ?
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पहचान पत्र (Identity Card)
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राशन कार्ड (ration Card)
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मोबाइल नंबर (Mobile Number)
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बैंक पासबुक (Bank Passbook)
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पासपोर्ट साइज फोटो (Passport Size Photo)
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आवेदन कर्ता के पास जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate)
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आवेदन कर्ता का बारहवीं कक्षा का उत्तीर्ण प्रमाण पत्र (Intermediate Result)
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आवेदन कर्ता का बोनाफाइड
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आवेदन कर्ता का आधार कार्ड की फोटो
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बैंक पासबुक का विवरण
- समूह में BC बीसी सखी का क्या काम होता है ?
स्वयं सहायता समूह योजना में बीसी सखी का मुख्य कार्य बैंक खातों से घर-घर जाकर जमा व निकासी करवाना है, स्वयं सहायता समूह योजना के सदस्यों की सेवाएं विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान करना है !
- स्वयं समूह सहायता बीसी BC सखी योजना ?
उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा 22 मई 2020 को राज्य की महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गई थी इस योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे तथा इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग (Bank correspondent) सखी तैनात करने का फैसला किया गया है |
अब ग्रामीण लोगों को बैंक में यात्रा नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि सखी घर-घर पैसे की डिलीवरी करेंगे | क्योंकि इनको बैंक द्वारा एक आईडी प्रदान की जाएगी जिसमें वह समूह के सभी महिलाओं की पैसे की लेनदेन करने में आसानी होगी साथ ही योजना से संबंधित यह समूह सहायता से संबंधित पैसे के लेनदेन विशेष के द्वारा किया जाएगा और बैंक में समूह योजना संबंधित जिस भी दस्तावेज की जरूरत किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए BC सखी से एक बार सहायता लेना अनिवार्य समझे.
- उत्तर प्रदेश बीसी सखी योजना UP Banking BC Sakhi Yojana
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यूपी बैंकिंग सखी योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब डिस्टर्ब मोर के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन करेंगे जिससे ग्रामीण लोगों को भी सुविधाएं होंगे और महिलाओं को भी रोजगार मिलेगा नई यूपी बैंकिंग संवाददाता सखी योजना से ग्रामीण महिलाओं को कमाई के लिए काम करने में मदद मिलेगी तथा उन्हें पैसा निकालने में जो भी समस्या का सामना करना पड़ रहा था, BC सखी योजना के कारण अब उनको पैसा निकालने के लिए कहीं और किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा इन महिलाओं को बैंकिंग BC Sakhi योजना के अंतर्गत 6 महीने तक ₹4000 की धनराज प्रतिमाह सरकार द्वारा दी जाएगी | इस बैंक से भी महिलाओं को लेनदेन पर कमीशन मिलेगा जिससे उनको हर महीने आए निश्चित हो जाएगी |
बीसी सखी योजना का उद्देश्य
बीसी सखी और समूह सखी में क्या अंतर है ?
बीसी सखी को कितना वेतन मिलता है ?
बीसी सखी योजना के अंतर्गत पहले 6 महीने तक ₹ 4000 प्रतिमाह दिए जाएंगे बैंकिंग डिवाइस खरीदने के लिए अलग से 50,000 रुपए दिएजाएंगे | इसके अलावा बैंकिंग कार्यों के लिए एक कमीशन प्रदान किया जाएगा.
स्वयं सहायता समूह के नियम और शर्तें
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स्वयं सहायता समूह में समय-समय पर साप्ताहिक या मासिक आधार पर बैठक की जा रहे हो जिसका विवरण मीटिंग रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए |
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समूह द्वारा अपने पास जमा राशि से सदस्यों को ऋण दिया गया हो |
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समूह कम से कम 6 माह से सक्रिय रुप से संचालित होना चाहिए |
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स्वयं सहायता समूह के सदस्य द्वारा समूह में निरंतर मासिक बचत अपने पास उपलब्ध संसाधनों से जमा किया गया हो |
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समूह के खाते का पूरा लेखा-जोखा रखा गया है किसी भी सदस्य को दिया गया जमा की गई राशि मासिक बचत राशि को पूरा विवरण एक रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए.
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समूह में लोकतांत्रिक तरीके से कार्य हो रहा हो सभी सदस्यों को सहभागिता रहे हो एवं सभी के बाद भी सोने जा रही हो |
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समूह का उद्देश्य एक दूसरे की मत करना वह स्वरोजगार का होना चाहिए ना कि बैंक से केवल ऋण लेने के लिए किया जा रहा हो.
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बैंक द्वारा ऋण देने के समय इन सभी बिंदुओं को बारीकी से देखा जाता है, बैंक अधिकारी शाखा प्रबंधक इस बात से संतुष्ट हो कि समूह का उद्देश्य वास्तविक स्वरोजगार हुआ एक दूसरे की सहायता करना है.
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बैंक आवेदन फार्म पर एक रेटिंग टेबल होती है उसमें एक निश्चित प्राप्त होने के लिए पात्र होते हैं.
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आम भाषा में बात करें तो समूह को लेते समय अपने सिबिल स्कोर को अच्छे तरीके से समय समय पर ऋण जमा करने हेतु सिबिल स्कोर सुंदर एवं सुरक्षित तरीके से बनाए रखना चाहिए.
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जिससे समूह को दोबारा के लिए किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े.
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यदि समूह का सिबिल स्कोर इसको सही है तो कोई भी बैंक समूह को ऋण देने के लिए पीछे नहीं हटेगा |
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सभी सदस्य एक ही होनी चाहिए यानी सभी सदस्य जब भी सोच व्यवसाय कर रहे हैं उस ग्रुप में एक ही व्यवसाय से संबंधित होने चाहिए |
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जैसे दूध बेचने का हो तो सभी उसी संबंधित होनी चाहिए | और यह सिलाई कार्य करते हैं तो सभी सिलाई कार्य करते हैं |
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NRLM SHG को बैंक द्वारा ऋण का मानक उनके जमा के अनुसार जमा का 1:1 के अनुपात से लेकर 1:4 तक हो सकता है.
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समूह द्वारा अपने पास जमा राशि सुरुचिपूर्ण दिया हो |
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खाते का पूरा लेखा-जोखा रखा गया हो |
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स्वयं सहायता समूह योजना तुलसी द्वारा समूह में निरंतर मासिक बचत अपने पास संसाधनों से जमा की हो |
स्वयं समूह सहायता योजना का समूह के गठन संबंधित संक्षिप्त मार्गदर्शिका
स्वयं सहायता समूह गठन के प्रमुख बिंदु :
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लगातार तीन चार बार तक किसी ग्राम राजस्व ग्राम टोले में समुदाय के साथ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संबंधी जानकारी प्रदान जागरूक लक्षित वर्ग की महिलाओं जो नियमित रूप से उपस्थित होती हो और समरूप समूह का निर्माण करने की इच्छुक हो ऐसी महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के रूप में गठित किया जाएगा |
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महत्वपूर्ण व्यक्तियों पंचायती राज प्रतिनिधियों प्रतिष्ठित लोग राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के कार्यों के प्रति रुचि दिखाते हो या कम से कम इस के प्रति कोई विरोध प्रतिरोध प्रदर्शित ना करते हैं ऐसे लोगों का सहयोग समूह गठन हेतु लिया जाएगा और किसी प्रकार का विरोध ना करते हो.
समूह का गठन का आरंभ
कौन से लोग स्वयं सहायता समूह के सदस्य बन सकते हैं ?
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अति गरीब या गरीब परिवार की महिला सदस्य अथवा सभा गीता से गरीबों की पहचान प्रक्रिया द्वारा चिन्हित गरीब परिवार की महिलाएं.
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उपरोक्त अनुसार प्रत्येक चयनित परिवार की एक महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्य बन सकती है जिनकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच हो.
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अपनी सुरक्षा और समूह के सदस्य द्वारा निर्धारित नियमित रूप से बचत करने की क्षमता रखती हो,
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समूह में काम करने की इच्छुक हो,
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बैठक में समय देने के लिए तैयार हो,
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जैसे ही लक्षित वर्ग की महिलाएं पर्वतीय क्षेत्र की दशा में 5 से 10 तथा मैदानी क्षेत्र के क्षेत्र में 10 से 15 महिलाएं चयनित होते हैं सी0आर0पी0 मिशन कर्मियों को चिन्हित महिलाओं के बीच मिशन की अवधारणा स्वयं सहायता समूह के बारे में विस्तार से रखनी होगी.
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यह कार्य तथा अन्य आ.ई.सी. (सूचना संचार सामग्री जैसे पोस्टर ब्रोशर) तथा फिल्म | परियोजना की जानकारी देने हेतु निर्मित फिल्मों के माध्यम से किया जाना चाहिए,
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सीआरपी समूह के सदस्यों से परामर्श अथवा समूह के सदस्यों के निर्णय अनुसार प्रथम औपचारिक बैठक की तिथि एवं बचत के रास्ते करने में सुविधा दाता की भूमिका निभाएगा.
पहली बैठक के दिन सीआरपी टीम निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा करने में स्वयं सहायता समूह के लिए सुविधा कर्ता के रूप में कार्य करेंगे.
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प्रत्येक सप्ताह में सदस्यों की बचत राशि करना |
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सप्ताहिक बैठक का दिन एवं समय तय करना
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समुदाय द्वारा स्वयं सहायता समूह की जरूरी नियमावली का निर्माण साप्ताहिक बैठक, सप्ताहिक बचत राशि, समूह का नामकरण, समूह के प्रतिनिधियों प्रतिनिधियों के चयन के बारे में बताना |
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समूह के संचालन हेतु उपयुक्त बातों को आवश्यक रूप से पालन करने की इच्छा रखना |
सप्ताहिक बैठक एवं बचत की कार्यप्रणाली एवं प्रक्रिया
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स्वयं सहायता समूह अपनी नियमित सप्ताहिक बैठक था बचत जारी रखेंगे
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Uttar Pradesh Self Help Group Yojana की सप्ताहिक बैठक में उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं तो इसकी जानकारी स्वयं सहायता समूह को पहले से होनी चाहिए और स्वयं सहायता समूह खुद ही इस बैठक को नियमित रूप से कराएं |
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बैठक समोसे के घरों में बारी-बारी से आयोजित की जानी चाहिए |
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अन्यथा किसी सार्वजनिक स्थल पर भी सहमत से बैठक की जा सकती है !
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पहले प्रत्येक बैठक में समूह द्वारा चयनित अध्यक्ष बैठक की औपचारिक अध्यक्षता करेंगी लेकिन प्रत्येक बैठक के लिए समूह बैठक प्रस्तावित हो,
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उस सदस्य को बैठक की अध्यक्षता के लिए चुनेंगे या अगर सार्वजनिक स्थल पर बैठक हो रही हो तो बारी बारी से प्रत्येक सदस्य को अध्यक्षता करने का मौका स्थित करेंगे या देंगे.
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इससे प्रत्येक समूह की बैठक की अध्यक्षता करने का अवसर मिलेगा .
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समूह का अध्यक्ष बैठक की समुचित रूप से अध्यक्षता करने में इन सदस्यों की मदद करेगा .
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यह गांव में पंचायत भवन सामुदायिक भवन उपलब्ध हो तो बैठक स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या इस्तेमाल के रूप में लाया जा सकता है,
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सभी लेनदेन और खाता बही को प्रत्येक बैठक में ही लिखा जाना चाहिए,
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इससे अध्यक्ष या समूह में जितने भी अध्यक्ष या सदस्य हैं उन्हें अपने लेनदेन से लेकर किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा,
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स्वयं सहायता समूह सदस्यों की सूची
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समूह की नियमावली की प्रति
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बैठक की कार्यवाही की प्रतिमा अपने प्रतिनिधि चुने हैं
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समूह की बैठक में बैंक खाता खोलने तथा इसके संचालन संबंधी पारित प्रस्ताव की प्रति
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प्रत्येक चयनित पदाधिकारी के तीन फोटो
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वोटर पहचान पत्र / निवास प्रमाण पत्र की प्रमाणित छायाप्रति
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बैंक प्रपत्र में परिचायक हस्ताक्षर | उस बैंक का कोई खाताधारक अथवा गांव का प्रधान या मुखिया सरकारी कार्यालय का प्रतिनिधि, यशवंत सहायता समूह प्रोत्साहन संस्थान के अधिकृत प्रतिनिधि हो सकते हैं |
- समूह की मोहर (यू0 एस0 आर0 एल0) द्वारा प्रस्तावित |
स्वयं सहायता समूह में निर्णय कौन करता है ?
स्वयं समूह सहायता योजना में अपना पर रखने वाले एक जैसे सोच उद्यमियों का एक ऐसा समूह है, जो अपने हाय से सर्वजनिकतरीके से बचत करने और उसको समाज के सम्मेलन में शामिल करने और उसे समूह के सदस्यों की उत्पादक और उपभोक्ता जरूरतों के लिए समूह द्वारा तय ब्याज अवध और अन्य शर्तों पर दिए जाने के लिए आपस में सहमत रहते हैं .
- स्वयं समूह सहायता योजना में निर्णय कौन करता है. ?
- समूह में अध्यक्ष का क्या काम है ?
उत्तर प्रदेश समूह सहायता योजना में प्रति समूह में 3 व्यक्तियों का मुख्य आधार होता है तीनों व्यक्ति अलग-अलग पद पर प्रत्येक
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समूह में अपना स्थान बनाए रखते हैं, जिसमें से अध्यक्ष का काम होता है समूह में अध्यक्ष समूह
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का मुख्य सदस्य होता है, स्वयं सहायता समूह में अध्यक्ष समूह की बैठक में होने वाले प्रस्ताव
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को समूह के सदस्य सदस्यों के समक्ष रखता है अध्यक्ष समूह के संचालन का कार्य करता है समूह में लगने वाली सामग्री जैसे :
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कि समूह के रजिस्टर, स्टांप याद रखने की जिम्मेदारी समूह के अध्यक्ष की होती है |
- अध्यक्ष सचिव कोषाध्यक्ष का क्या काम है ?
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स्वयं सहायता समूह सदस्यों की सूची
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समूह की नियमावली की प्रति
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बैठक की कार्यवाही की प्रतिमा अपने प्रतिनिधि चुने हैं
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समूह की बैठक में बैंक खाता खोलने तथा इसके संचालन संबंधी पारित प्रस्ताव की प्रति
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प्रत्येक चयनित पदाधिकारी के तीन फोटो
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वोटर पहचान पत्र / निवास प्रमाण पत्र की प्रमाणित छायाप्रति
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बैंक प्रपत्र में परिचायक हस्ताक्षर | उस बैंक का कोई खाताधारक अथवा गांव का प्रधान या
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मुखिया सरकारी कार्यालय का प्रतिनिधि, यशवंत सहायता समूह प्रोत्साहन संस्थान के अधिकृत प्रतिनिधि हो सकते हैं |
जिस समिति में कोषाध्यक्ष काम करता है उस समिति के धन का हिसाब किताब रखना कोषाध्यक्ष का होता है
की समूह में किस व्यक्ति ने कितना रुपए दिया है किसका
कितना बाकी रह गया है,
समूह से संबंधित किसी भी प्रकार की पैसे के लेनदेन किताब रखना कोषाध्यक्ष का काम होता है,
कोषाध्यक्ष समिति के अध्यक्ष कार्यकारिणी का व्यय मांगने पर उन्हें अपनी स्वीकृति देता है यह समिति का
हिसाब रखता है, कार्यकारिणी के समक्ष प्रस्तुत करता है, यह
समिति की धन राशि का पूर्ण हिसाब रखता है.
- Uttar Pradesh Self Help Group Yojana में सचिव का क्या काम होता है ? स्वयं सहायता समूह योजना में आजकल
- किसी बड़े अधिकारी विभाग का बर्थडे जो अभिलेख अध्यक्षता हो और मुख्य
- रूप से पत्र व्यवहार आज की
- व्यवस्था करता हो विशेष – प्राचीन भारत में मंत्री और सचिव प्राया समानार्थक शब्द माने जाते थे |
- परंतु आजकल सचिव से मंत्री पद होता है.
- स्वयं सहायता समूह योजना में समूह सखी का वेतन कितना होता है ?
स्वयं सहायता समूह योजना में न्यू के समूह के सखियों को राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत मानदेय दिया जाता है समूह सखी को समूह में कराए जाने वाले कामों के अनुसार उनका वेतन दिया जाता है या वेतन 1500 सौ से लेकर ₹6000 तक हो सकता है |- समूह योजना में समिति का गठन कैसे करें ?
समितियों का गठन समिति के उद्देश्यों की पूर्ति कुशल कार्य निर्देश संपादन विशेष प्रयोजन हेतु
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आवश्यकता अनुसार समितियों का गठन नए सत्र की प्रथम कार्यकारिणी बैठक में
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प्रस्तुत कर अनुमोदन कराएंगे कार्यकारिणी बनाएं उनकी कार्यप्रणाली का अधिकार होगा |
- ग्राम सचिव का वेतन कितना होता है ?
ग्राम सचिव का वेतन उनके स्थिति
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के अनुसार अच्छा खासा होता है, ऐसा क्यों अपना घर परिवार अच्छे से चला सकते हैं उनका प्रतिमाह वेतन 35000 से 40000 के बीच होता है जिससे उनके घर के सभी खर्चे आसानी से मैनेज किए जा सकते हैं. सचिव की प्रमुख योग्यता कौन सी है ? स्वयं सहायता योजना में एक सचिव की
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प्रमुख योग्यता सचिव को क्षेत्रीय भाषा का विज्ञान होना चाहिए और यदि संगठन विदेशियों तथा
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विदेशी संस्थानों के साथ भी व्यवहार करता है तो सचिव को एक या एक से अधिक
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विदेशी भाषाओं का ज्ञान उसके कार्य में सहायक होता है
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